नई दिल्ली इंटीग्रेटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की नेशनल सेक्रेटरी कुलनीत सूरी ने कहा कि सरकार की नोटबंदी अपने मूल उद्देश्य में सफल रही और इससे देश की बेहिसाबी अर्थव्यवस्था (शेडो इकनॉमी) में भारी कमी आई।
इसका मूल उद्देश्य था देश में शेडो अर्थव्यवस्था को घटाना और इसमें नोटबंदी एक सफल उपाय साबित हुआ। उन्होंने कहा कि भीम एप, यूपीआई ये आंकड़े इसके गवाह हैं कि हम कितनी तेजी से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़े हैं। कुलनीत सूरी ने कहा कि जब नोटबंदी
हुई उस समय इस देश में शेडो इकनामी 23.7 प्रतिशत थी। किसी भी विकसित देश में ऐसा आंकड़ा नहीं था। यह इकनामी, आर्थिक गतिविधि तो है लेकिन जीडीपी में इसकी गणना नहीं होती। शेडो इकनामी देश में अपराध बढ़ा रही थी, काले धन को बढ़ा रही थी और कर संग्रहण को भी प्रभावित कर रही थी। निश्चिततौर पर डिजिटल लेनदेन भी बड़ा मुद्दा था। सरकार ने दो बड़े प्रयास नोटबंदी व जीएसटी किए जिससे आज शैडो अर्थव्यव- स्था पर चोट पड़ी। खासतौर पर डिजिटल ट्रांजेक्शन बढऩे से शेडो इकनामी को चोट पहुंची। सरकार इसे
15 या 14, 13 प्रतिशत तक ले जाते हैं तो यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है। कुलनीत सूरी ने कहा कि व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत के 143वें पायदान से 77वें पायदान पर आने तथा कर संग्रहण के एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ां छूने जैसी उपलब्धियों का भी जिक्र किया।