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गुरुग्राम विश्वविद्यालय में पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय में यह रक्तदान शिविर रोटरी क्लब के सहयोग से आयोजित कराया गया। इस रक्तदान शिविर में 111 यूनिट रक्तदान किया गया। ब्लड डोनेशन कैंप का शुभारंभ गुरुग्राम विश्वविद्यालय के माननीय वाइस चांसलर डॉ. मार्कण्डेय आहूजा जी और गुरुग्राम विश्वविद्यालय के माननीय रजिस्ट्रार डॉ. शशि भूषण भारती जी ने दीप प्रवज्जलित कर किया। इस दौरान रोटरी क्लब की ओर से डॉ. वर्षा यादव मौके पर मौजूद रहीं। कैम्प में बड़ी संख्या में शामिल होकर छात्र-छात्राओं और कर्मियों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। रक्त लेने से पहले ब्लडप्रेशर चेक किया गया। रोटरी क्लब की डॉक्टर वर्षा यादव के नेतृत्व में डोनेशन कैम्प लगा। डॉ. वर्षा यादव ने कहा कि इस रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। करीब 111 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है। डॉ. मार्कण्डेय आहूजा जी और डॉ शशि भूषण भारती जी ने रक्तदान करने वाले छात्र-छात्राओं को बैज लगाकर, मेडल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। माननीय वाइस चांसलर डॉ. मार्कण्डेय आहूजा जी ने 55 वर्ष की उम्र में 87वीं बार ब्लड डोनेट किया। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। थैलेसीमिया की बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे पीडि़त हैं। हमारे रक्त से किसी जरूरतमंद की जान बचेगी इसलिए रक्तदान करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रक्त का दान महादान है, क्योंकि हमारे द्वारा दिए गए रक्त से किसी की जान बचाई जा सकती है। आमतौर पर लोगों में भ्रांतियां हैं कि रक्त दान करने से शरीर में कमजोरी आती है। ऐसा कुछ नहीं है। नियमित समय पर रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती। इसलिए रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।
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